मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी 14वीं किस्त के लिए किसान भाइयों को अब ज्यादा इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. अगर किसान इसका फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपने बैंक से जुड़े सारे प्रोसेस को पहले पूरा कर लें. काफी किसानों ने अब तक अपना केवाईसी भी अपडेट नहीं किया है, और अकाउंट नंबर को आधार से भी लिंक नहीं करवाया है. ऐसे में किसानों को पहले इन सब कामों को पूरा करना जरूरी होगा. वरना जो किसान 13वीं किस्त से वंचित रह गये हैं, वो 14वीं किस्त से भी वंचित रह जाएंगे.
केंद्रीय योजना है पीएम किसान सम्मान निधि
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएम किसान सम्मान निधि योजना सीमांत किसानों की आर्थिक मदद के लिए है. जिसमें सरकार हर साल किसानों को 6 हजार रुपये की राशि देती है. इस राशि को दो-दो हजार रुपये की तीन समान किस्तों में किसनों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. इस योजना की सबसे ख़ास बात यह ही कि, इसके लिए किसानों को भाग दौड़ नहीं करनी पड़ती. इस योजना के लिए केंद्र सरकार अब तक ढ़ाई लाख करोड़ रूपये से भी ज्यादा की राशि खर्च कर चुकी है.
अप्रैल से जुलाई के बीच जारी हो सकती है 14वीं किस्त
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के बीच केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस को जारी कर सकती है. आपको बता दें ऑफिसियल तौर पर इस मामले में अभी तक कोई ऐलान नहीं किया गया है.
ऐसे कई किसान हैं, जिनके बैंक अकाउंट में अब तक 13वीं किस्त नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में किसान हेल्पडेस्क पर भी अपनी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा 011-24300606 और 155261 पर फोन करने किसान अपनी शिकायत को दर्ज कर सकते हैं. वहीं सरकार ने किसानों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किये हैं. जो 18001155266 है. इसके साथ ही किसान भाई अपनी समस्या बताने के लिए pmkisan-funds@gov.in पर विजिट कर सकते हैं.
जैसा कि हम जानते हैं, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र द्वारा चलाई गई योजना है। इसके तहत किसानों को वर्ष में 6000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। इस योजना का आरंभ लघु और सीमांत किसानों के लिए किया गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिला है। बताया जा रहा है, कि हजारों अपात्र किसानों द्वारा फर्जी तौर से पीएम किसान का फायदा प्राप्त किया गया है। इससे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि, फर्जीवाड़े के मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों ने कार्रवाई चालू कर दी है। फिलहाल, इन फर्जी किसानों को शीघ्र ही पीएम किसान की धनराशि वापस करनी पड़ेगी। यदि नहीं की तो उनके ऊपर कार्रवाई भी की जा सकती है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम किसान में यह फर्जीवाड़ा उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में हुआ है। यहां लगभग 6 हजार अपात्र कृषकों को पीएम सम्मान निधि योजना की धनराशि दी गई है। साथ ही, बहुत सारे ऐसे भी अपात्र लाभार्थी सामने आए हैं, जिनके पास खेती करने के लिए बिल्कुल भी जमीन नहीं थी। इतना ही नहीं वे दूसरे तहसीलों के निवासी थे। इसके बावजूद भी उनको पीएम किसान का लाभ मिल गया। अब कृषि एवं राजस्व विभाग की तरफ से इस तरह के अपात्र किसानों की जाँच कर बैंकों के माध्यम से नोटिस भेज रहा है। नोटिस में उन कृषकों को पीएम किसान की धनराशि को वापस करने के लिए कहा गया है। अगर किसान धनराशि वापस नहीं करते तो कानूनी कार्रवाई भी करने की बात भी कही गई है।
अपात्र किसानों की पहचान कैसे की गई
अलीगढ़ जनपद में केंद्र सरकार द्वारा 3.75 लाख किसानों के खाते में पीएम किसान की धनराशि हस्तांतरित की जाती है। परंतु, जब कृषि एवं राजस्व विभाग ने जांच कराई तो पता चला कि कोल, गभाना, इगलास, खैर और अतरौली तहसील में हजारों ऐसे अपात्र किसान हैं, जो पीएम किसान योजना का नाजायज तरीके से फायदा उठा रहे हैं। दरअसल, गभाना के सौंगरा गांव के बहुत सारे ग्रामीणों ने अतरौली तहसील के धनसारी गांव का मूल निवासी बताके पीएम योजना का फायदा उठा लिया था। जब यह मामला उजागर हुआ तो जांच के उपरांत परत दर परत सभी अपात्र किसान पकड़े गए।
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राजस्व टीम की जांच में इस पूरे खेल का पर्दाफाश हुआ है। विशेष बात यह है, कि इनमें से किसी के समीप भी खेती के लिए भूमि नहीं है। मतलब कि भूमिहीन होने के उपरांत भी इन लोगों ने फर्जी ढंग से पीएम किसान की धनराशि उठा ली है।
पीएम किसान योजना किस वजह से शुरू की गई थी
बतादें, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय योजना है। इसके अंतर्गत किसानों को वर्ष में 6000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। 2000 रुपये की 3 समान किस्तों में कर के यह धनराशि किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी जाती है। अब तक केंद्र सरकार द्वारा 13 किस्त जारी की जा चुकी हैं। फिलहाल, किसान 14वीं किस्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कम जोत वाले एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए यह योजना चालू की थी। विगत 27 फरवरी को पीएम मोदी ने पीएम किसान की 13 वीं किस्त जारी की थी। इसके लिए 16800 करोड़ रुपये का खर्चा किया गया था। साथ ही, 8 करोड़ से ज्यादा कृषकों ने 14वीं किस्त का फायदा उठाया था।
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डिजिटल जमाने में घर बैठे फसलों को रिपोर्ट शासन को भेजकर बेधड़क हो जाने वाले लेखपालों पर आफत आने वाली है। सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए फसलों के सर्वे को डिजिटल करने जा रही है। लेखपालों को खेत में जाना ही पड़ेगा, क्योंकि बिना खेत में गए ऐप खुलेगा ही नहीं।
मोबाइल ऐप वर्तमान में तैयार हो रहा है
पवन कुमार प्रजापति जिला कृषि अधिकारी का कहना है, कि केंद्र सरकार की ओर से विगत दिनों जनपद के नायब तहसीलदार, तहसीलदार, लेखपाल आदि अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। खरीफ फसल के सर्वे का काम चालू होना है। हालांकि, फिलहाल मोबाइल ऐप तैयार हो रहा है। इसके उपरांत लेखपाल सर्वे चालू कर देंगे। रबी फसल के सर्वे में पूर्णतय ऐप तैयार हो जाएगा।
बतादें कि जनपद के एक तहसीलदार ने बताया है, कि फसल की ई पड़ताल के लिए लेखपाल बतौर सर्वेयर का कार्य करेंगे। इनके ऊपर सुपरवाइजर के रूप में राजस्व निरीक्षक होगा। लेखपाल के सर्वे से असंतुष्ट होने पर उसे सुपरवाइजर रिजेक्ट कर देगा। इसके उपरांत नायब तहसीलदार स्वयं मौके पर जाकर सर्वे करके ऐप में रिपोर्ट दर्ज करेंगे।